जहां चट मंगनी पट ब्याह की कहावत चरितार्थ हुई… यहां कुछ लोग लड़की देखने आए थे… और शादी कर दुल्हन साथ ले गए…
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लोहार समुदाय के महेश नवग्रह अपने परिवार के साथ लड़की देखने आए थे… जो उन्हें पसंद आ गई… परिजनों और समाजजनों की सहमति से सुबह रिश्ता तय हुआ और शाम को शादी कर ली… शादी समारोह सादगीभरा रहा, जिसमें दोनों पक्षों के चुनिंदा रिश्तेदार ही शामिल हुए… वरपक्ष वालों ने दहेज भी नहीं लिया… आर्य क्षत्रिय लोहार समाज के अध्यक्ष अनिल नवग्रह ने बताया कि दोनों पक्षों को रिश्ता पसंद आ गया था… शादी में होने वाले अनावश्यक खर्च को टालते हुए सगाई वाले दिन ही सादगी से महेश और दीपाली की शादी का निर्णय लिया गया…