मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में वीर सावरकर की जीवनी पढ़ाई जाएगी… स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने इसे स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात कही है..
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मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा, वीर सावरकर हमारे उन महान क्रांतिकारियों में से एक हैं जिनको एक जन्म में दो – दो आजीवन कारावास की सजा हुई… 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में वे पहले लेखक हुए, जिन्होंने 1857 के आंदोलन को स्वतंत्रता संग्राम कहा… नहीं तो लोग गदम ही कहते थे…मंत्री ने कहा, भारत की आजादी में उनका अभूतपूर्व योगदान है, इसलिए उनको हर जगह सम्मान मिलना चाहिए… दुर्भाग्य से इस देश में कांग्रेस की सरकारों ने भारत के महान क्रांतिकारियों को इतिहास के पन्नों में जगह नहीं दी.. विदेशी आक्रांताओं को महान लिखा और देशभक्तों को महान नहीं बताया गया.. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत केंद्रित शिक्षा पर काम कर रही है.. देश के लिए काम करने वाले देश के हीरो बनेंगे… हम बच्चों को उनके बारे में पढ़ाने का काम करेंगे…

इंदर सिंह परमार ने कहा कि हम सही महापुरुषों की जीवनी को सिलेबस में जोड़ेंगे, इसलिए मुख्यमंत्री ने गीता के संदेश, परशुराम, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु जैसे तमाम क्रांतिकारियों को पाठ्यक्रम में शामिल करेंगे… 2018 में जब कुछ समय के लिए कांग्रेस की सरकार बनी थी, तब वीर सावरकर की किताब एक स्कूल में बांट दी गई थी… कमलनाथ ने उस स्कूल के प्राचार्य को निलंबित कर दिया था… कांग्रेस के लोग हमारे देश के क्रांतिकारियों को बच्चों तक नहीं पहुंचाना चाहते..