
अब जमाना न पोस्टर का है न फ्लैक्स का यह परिवर्तन का दौर है। हर हाथ में मोबाइल और इसमें सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म। इसका बेहतर उपयोग तो भाजपा पहले से ही करती चली आई है लेकिन अब इन इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म से सीधे जुड़ने वालों से उनका सीधा संपर्क होने वाला है। इसके लिए बूथ स्तर पर कमेटियों को सक्रिय कर दिया गया है।
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अब यह कमेटी विधानसभा क्षेत्र वार संभ्रांत लोग, व्यापारी, डॉक्टर, किसान और सरकारी योजनाओं से लाभान्वित होने वालों की सूची बनाकर अपने लोकसभा प्रभारी सौंपेंगे। इसके जरिए भाजपा की आईटी टीम विभिन्न ग्रूप के जरिए न केवल उन्हें जोड़ेगी बल्कि सरकार की योजनाओं की जानकारी भी देगी।

काफी हद तक इससे लोकसभा चुनाव की जनसंपर्क की प्रक्रिया उसके लिए आसान भी हो जाएगी। बीते दिनों भाजपा की बैठक में भी इसी रणनीति को मूर्त रूप देने का काम किया गया। लंबी चौड़ी बात चली। रणनीति बनी। क्रियान्वित करने का तरीका बताया गया। हर किसी से कैसे जुड़ना है इसके टिप्स दिए गए। भाजपा ने अपनी कमेटियों के जरिए ग्राम पंचायतों की सूची, प्रभावी व्यक्तियों की सूची, प्रभावशाली किसानों की सूची, शिक्षण संस्थानों की सूची, प्रभावी व्यापारियों की सूची हर विधानसभा वार तैयार करा रही है।

इसके पीछे मंशा है कि हर किसी तक भाजपा की सीधे पैठ हो। अब मोबाइल नंबर कैसे मिलेगा इस सवाल का जवाब भी ढूंढ लिया गया है। बड़े लोगों की सूची तो मिल जाएगी लेकिन निम्न मध्यम वर्गीय या अन्य की कैसे। इस पर बताया गया कि लोकसभा क्षेत्र में कोई भी गांव ऐसा नहीं है जहां सरकारी योजनाओं के लाभान्वित न मिले। ऐसे में उनके नंबर भी मिल जाएंगे और उन्हें आसानी से समझाया भी जा सकता है। लोकसभा चुनाव की तैयारियों में पार्टी जुट चुकी है। मोबाइल नंबर के जरिए सीधे संपर्क किया जा सकता है।