भोपाल-भोपाल गैस त्रासदी का असर आज भी ,पांच संगठनों ने अपनी पीड़ा जाहिर की

भोपाल – अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन को लेकर यूनियन कार्बाइड हादसे के पीड़ितों के पांच संगठनों ने अपनी पीड़ा जाहिर की।

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भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने कहा कि भोपाल हादसे के दौरान जो लोग अपनी मां के गर्भ में थे। उनमें कैन्सर होने की आशंका 8 गुना अधिक भी। साथ ही सामान्य बच्चों की तुलना में इन बच्चों में रोजगार बाधित करने वाली विकलांगता और शिक्षा का निम्न स्तर था।

भारत सरकार द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के आधार पर इस अध्ययन में यह भी बताया गया है कि हादसे के समय कारखाने से 100 किलोमीटर दूर रहने वाले लोगों पर भी हादसे का प्रभाव देखा जा सकता है। उन्होंने कहा की यह वैज्ञानिक प्रकाशन राज्य और केंद्र की सरकारों के लिए एक चेतावनी होनी चाहिए। शोध के सभी निष्कर्ष सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रकाशित आंकड़ों पर आधारित हैं। सरकार ने कम्पनी के पीड़ितों के हितों की रक्षा के वादे के बदले में भोपाल के पीड़ितों से यूनियन कार्बाइड पर मुकदमा चलाने का अधिकार छीन लिया है।

यदि सरकारें यूनियन कार्बाइड से अगली पीडी को हुए नुकसान की भरपाई करने के लिए कानूनी कदम नहीं उठाती हैं तो यह उस वादे के साथ विश्वासघात होगा।

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