मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना में निजी अस्पतालों और सरकार के बीच चल रही खींचतान का खामियाजा मरीज भुगत रहे हैं…
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निजी अस्पतालों के संगठन यूनाइटेड हॉस्पिटल्स डायरेक्टर्स एसोसिएशन ने 15 अप्रैल से आयुष्मान योजना के नए मरीजों का इलाज नहीं करने की बात कही है…ये स्थिति तब है जबकि आयुष्मान भारत योजना में इलाज कराने वाले मरीजों के इलाज पर खर्च होने वाली 75 फीसदी राशि प्राइवेट अस्पतालों के खातों में पहुंच रही है…
अस्पताल के संचालकों का आरोप है कि आयुष्मान भारत योजना के एमओयू के तहत मरीज का इलाज करने के 30 दिन के भीतर भुगतान हो जाना चाहिए…लेकिन 300-300 दिन बीतने के बाद मरीज के इलाज पर खर्च हुई राशि नहीं मिल रही है… ऐसे में अस्पताल नए मरीजों के इलाज से मना कर रहे हैं… भोपाल संभाग के 200 से ज्यादा अस्पताल इलाज न करने की धमकी दे चुके हैं… उधर सरकार का कहना है कि जिन अस्पतालों ने गड़बड़ी की है पैसा उन्हीं का रोका गया है… बाकी सब का पैसा जारी कर दिया है… अस्पतालों और सरकार के बीच यह खींचतान कब खत्म होगी… और आयुष्मान कार्ड में हो रहे फर्जीवाड़े का इलाज क्या है….