देश में एक सुखद खबर आई है … पिछले 4 साल में टाइगर की संख्या 200 बढ़ चुकी है.. इस समय देश में 3 हजार से ज्यादा टाइगर हैं…. दुनिया के 75% टाइगर भारत में हैं… और भारत के इस गौरव में लगातार वृद्धि हो रही है… टाइगर की संख्या एक समय भारत में कुल 260 के करीब रह गई थी… लेकिन 1973 में इंदिरा गांधी के शासनकाल में भारत में प्रोजेक्ट टाइगर लाया गया… प्रोजेक्ट टाइगर दुनिया की सबसे सफल कंजर्वेशन स्कीम है…
ALSO READ-27 को खुलेंगे ब्रदीनाथ के कपाट, मंदिर समिति ने तैयारियां तेज की

इसने भारत के जंगलों का कानून बदल दिया… और जंगल में जंगल राज ना रहकर कानून का राज हो गया… लेकिन जंगल में कानून का राज लगातार चलना चाहिए और टाइगर की संख्या में वृद्धि होनी चाहिए… अब इस मुकाम से आगे और क्या मंजिल है… देश में बढ़ते हुए टाइगर के साथ जंगलों को किस तरह प्रबंधित किया जा सकता है… यह जानने की कोशिश करेंगे….. देश में टाइगर बिंदास घूम रहे हैं… और मध्यप्रदेश में देश के सबसे ज्यादा टाइगर हैं…

भारत दुनिया का एक मात्र ऐसा देश है जहां पर टाइगर की संख्या 3000 के पार है इस वक्त देश में 3167 टाइगर हैं…यानी दुनिया के 75% टाइगर केवल भारत में पाए जाते हैं… और टाइगर की यह संख्या लगातार बढ़ रही है… पिछले 4 साल के भीतर 200 टाइगर भारत में बढ़ चुके हैं… टाइगर के शिकार पर प्रतिबंध… वनों का उचित प्रबंधन… और प्रोजेक्ट टाइगर की सफलता… इस बदलाव का सबसे बड़ा कारण है…

आज से 50 साल पहले 1973 में शुरू हुआ प्रोजेक्ट टाइगर अपने अभियान में सफल रहा है… जिस वक्त प्रोजेक्ट टाइगर शुरू हुआ था उस समय देश में बमुश्किल 268 टाइगर थे… बिल्ली परिवार के इस सबसे खूबसूरत मांसाहारी प्राणी की संख्या विलुप्ति की कगार पर पहुंच गई थी… लेकिन प्रोजेक्ट टाइगर के कारण शिकार पर जो प्रतिबंध लगा उससे टाइगर की संख्या लगातार बढ़ने लगी… और अब टाइगर 3000 के पार हो चुके हैं… टाइगर की बढ़ती संख्या में सबसे बड़ा योगदान मध्यप्रदेश का है जहां पर 600 से अधिक टाइगर पाए जाते हैं….

टाइगर की बढ़ती संख्या देश के लिए एक सुखद समाचार तो है…लेकिन चिंता और सरोकार का विषय भी है… देश की आबादी लगातार बढ़ रही है… जंगलों का आकार लगातार सिमट रहा है… ऐसे में टाइगर को रहने के लिए जंगल नहीं होंगे तो उनकी संख्या कैसे बढ़ेगी…. टाइगर बढ़ने की खुशी के साथ-साथ अब उनके आवास के लिए नए-नए जंगलों की खोज शुरू करना आवश्यक हो चुका है… मध्यप्रदेश में टाइगर की संख्या 600 से अधिक होने की संभावना है… लेकिन इतनी बड़ी संख्या में इन विशाल मांसाहारी जानवरों के लिए जंगल की कमी है… हर टाइगर अपनी टेरिटरी बनाता है और उस टेरिटरी का आकार बहुत विशाल होता है… उसे जंगल चाहिए…शिकार चाहिए और पर्यावरण चाहिए…
मध्यप्रदेश में 2018 के बाद 186 टाइगर की मौत हो चुकी है… इनमें से कम से कम 32 टाइगर को बचाया जा सकता था…क्योंकि उनकी मौत या तो जहर देने से हुई है… या फिर शिकार के कारण…. जंगलों के सिमटते दायरे के कारण टाइगर शहर की तरफ भागने लगे हैं… भोपाल के आसपास की बड़ी संख्या में टाइगर विचरण कर रहे हैं… जो शहरी इलाकों में आ जाते हैं… कई बार टाइगर पालतू जानवरों को मार देते हैं…. कई बार खेत में घुस जाते हैं…कई बार आदमियों पर हमला कर देते हैं…. यह टकराव लगातार बढ़ रहा है… हम 3000 से अधिक टाइगर की संख्या का जशन तो मना सकते हैं लेकिन उसके साथ ही हमें यह भी सोचना होगा कि दुनिया के इस सबसे खूबसूरत मांसाहारी प्राणी को आवास उपलब्ध कराएं… ताकि इनकी संख्या लगातार बढ़ती रहे…