मध्यप्रदेश में मार्च का महीना किसानों के लिए विनाशकारी साबित होता जा रहा है… खेतों पर पसीना बहा कर फसल पकने का इंतजार कर रहे किसानों को मायूसी हाथ लगी है. मार्च की शुरू से लेकर अब तक लगातार बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है.
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खेतों में फसलें बिछ गई हैं. गेहूं, चना, जौ, मटर, सरसों, अलसी, धनिया, इसबगोल की फसलों पर बारिश से वज्रपात हो गया है… 20 जिलों में 80% तबाही का अनुमान लगाया गया है… यानी इन जिलों में लाखों हेक्टेयर में बोई गई फसलों में से 20% फसलें ही सुरक्षित बच पाई हैं… किसानों के लिए यह मुश्किल का समय है…मौसम ने फसलों को ठीक से सूखने नहीं दिया…किसान फसल काटते इससे पहले ही बारिश आ गई और फसल खेत में ही बिछ गई…किसानों की पीड़ा जानने के लिए सीएम शिवराज किसानों के बीच पहुंचे हैं…
उन्होंने प्रधानमंत्री से भी फसलों को हुए नुकसान के बारे में बातचीत की है… सीएम ने किसानों को राहत का आश्वासन दिया है… सरकार ने युद्ध स्तर पर सर्वे भी शुरू कर दिया है… अब सवाल यही है कि किसानों को राहत कब तक मिलेगी… इस सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश करेंगे.