अनादि स्पेशल : जय माता दी

नवरात्रि का दूसरा दिन माता ब्रह्मचारिणी को समर्पित है… नवरात्रि के दूसरे माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है… शास्त्रों के अनुसार माता ब्रह्मचारिणी नवदुर्गाओं में दूसरे स्थान पर आती हैं… इनका रूप अत्यंत मनोहर है…

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वे सफेद वस्त्र धारण करती हैं और उनके हाथ में कमंडल और एक जाप माला है… माना जाता है कि वे नंगे पैर चलती हैं… माता केवल फलों का भोजन करती हैं… वे त्याग की प्रतिमूर्ति हैं…अपने भक्तों को भी वे सादा जीवन जीने के लिए प्रेरित करती हैं… आईये माता ब्रह्मचारिणी का पूजन विधान जानते हैं

मां दुर्गा को समर्पित चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। आज यानी 23 मार्च 2023 को चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन है। नवरात्रि के इन पावन दिनों में माता रानी के भक्त उनके नौ अलग-अलग रूपों की पूजा करते हैं। जिसमें से पहले दिन दुर्गा मां के शैलपुत्री रूप की पूजा की जाती है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और अपने घरों में कलश स्थापना करते हैं। वहीं नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के ब्रह्माचारिणी स्वरूप को पूजा जाता जाता है। इस दिन मां ब्रह्माचारिणी की कृपा पाने के लिए भक्त व्रत रखते हैं और पूरी श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं। मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी संसार में ऊर्जा का प्रवाह करती हैं। इनकी कृपा से मनुष्य को आंतरिक शांति प्राप्त होती है। ऐसे में आइए जानते हैं चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन का शुभ मुहूर्त पूजा विधि… 

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि

  • नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए सबसे पहले ब्रह्ममुहूर्त पर उठकर स्नान कर लें। 
  • पूजा के लिए सबसे पहले आसन बिछाएं इसके बाद आसन पर बैठकर मां की पूजा करें। 
  • माता को फूल, अक्षत, रोली, चंदन आदि चढ़ाएं। ब्रह्मचारिणी मां को भोगस्वरूप पंचामृत चढ़ाएं। 
  • माता को शक्कर या पंचामृत का भोग लगाएं और ऊं ऐं नम: मंत्र का 108 बार जाप करें। 
  • साथ ही माता को पान, सुपारी, लौंग अर्पित करें। 
  • इसके उपरांत देवी ब्रह्मचारिणी मां के मंत्रों का जाप करें और फिर मां की आरती करें।

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