मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं तमाम कोशिशों के बाद भी दुरुस्त नहीं हो पा रही हैं… दूर-दराज के इलाकों में जहां बड़े निजी अस्पताल नहीं हैं… सरकारी अस्पतालों के भरोसे ही गंभीर बीमारियों का इलाज होता है.
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लेकिन प्रदेश के अनेक जिलों के सरकारी अस्पताल बुरी स्थिति में हैं… जब कोई बड़ा अधिकारी या मंत्री फटकार लगाता है तो कुछ दिन के लिए हालात सुधरते हैं लेकिन फिर वही ढाक के तीन पात हो जाते हैं… भोपाल में ही प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल हमीदिया में बजट की कमी के कारण स्थिति दयनीय है… अस्पताल में चारों तरफ गंदगी तो है ही.दवा और मरहम पट्टी का भी अभाव है. प्रदेश की राजधानी में यह हाल है तो फिर प्रदेश के अंदर स्थिति क्या होगी समझा जा सकता है.
आए दिन वीडियो देखने को मिलते हैं जब मरीजों को एंबुलेंस के अभाव में हाथ ठेले पर या पैदल लाना पड़ता है… अस्पतालों में इलाज नहीं मिलने के कारण कई बार छोटी मोटी बीमारी से पीड़ित मरीज दम तोड़ देते हैं… स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति कब सुधरेगी. इलाज बेहतर कब होगा.