अजमेर जिले में रहने वाला एक ऐसा परिवार जिसमे सदस्यों की संख्या 10 , 20 नहीं बल्कि 185 हैं , इस परिवार में सबसे छोटा सदस्य का जन्म 5 महीने पहले हो चूका है ,गांव वाले मजाक में कहते है कि इसे घर नहीं तहसील कहना चाहिए , यह परिवार पुरे राजस्थान और पुरे देश में चर्चित हैं।
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अजमेर के रहने वाले रामसर के सुल्तान माली के घर में 184 लोग संयुक्त रुप से रहते हैं. परिवार के मुखिया बुज़ुर्ग बताते हैं कि उनके पिता सुल्तान के 6 पुत्र हुए , और इनका परिवार इसी तरह से बढ़ता गया और संख्या 184 पहुंच गयी , विरदीचंद बताते है की पिता ने जाते सामान कहा था की सब एक साथ रहे , तब से हम लोग सयुंक्त परिवार की तरह रह रहे हैं।

विरदीचंद आगे बताते है की हम भले ही हम लोग अनपढ़ हैं लकिन आज की पीढ़ी को हम शिक्षित कर रहे हैं ,वही परिवार के 2 सदस्य टीचर है और 2 सदस्य मेडिकल फील्ड में हैं, और कुछ सदस्य प्राइवेट नौकरी कर रहे है

वही परिवार की महिलाएं सुबह 4 बजे उठ कर 25 किलो सब्जी और 25 किलो आटे की रोटी बनाते हैं ,घर के सबसे बड़े बुज़ुर्ग बताते है की परिवार का जीवन यापन का सहारा खेती है और हमारे पास 500 बीघा खेत है जिसमे हम लोग खेती करके परिवार का भरण पोषण करते हैं और साथ साथ गाय को बेचते है तथा मुर्गी पालन भी करते है , पैसों का निवेश जमीनों में करते हैं, जिससे कि परिवार पर कभी आर्थिक संकट नहीं आए. इस परिवार में सारे काम बांट रखे है ताकि आपस में कोई तकरार न हो।

वही परिवार की एक बहु 2016 में सरपंच बन चुकी हैं , और अपने गांव का विकास विकास किया