पिछले कई महीनों से सोने और चांदी की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है। अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजारों में दोनों कीमती धातुओं का भाव नए रिकॉर्ड उच्च स्तर के करीब है। कई ब्रोकरेज हाउस और एक्सपर्ट्स का मानना है कि गोल्ड और सिल्वर की यह रैली आगे भी जारी रह सकती है। लेकिन PACE 360 के को-फाउंडर और चीफ ग्लोबल स्ट्रैटेजिस्ट अमित गोयल का कहना है कि यह तेजी असली कीमत से काफी ऊपर जा चुकी है। उनकी फर्म $2.4 बिलियन से अधिक की एसेट मैनेज करती है। गोयल ने चेतावनी दी है कि सोने और चांदी की हाल की रैली जल्द ही क्रैश का सामना कर सकती है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड की कीमत
अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड की कीमतें इस साल कई बार ऐतिहासिक उच्च स्तर तक पहुंच चुकी हैं और वर्तमान में लगभग $4,000 के स्तर पर हैं। वहीं, सिल्वर की कीमत $50 के पास है। घरेलू बाजार की बात करें तो सोमवार, 6 अक्टूबर को दिल्ली में 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 1,19,540 रुपये प्रति 10 ग्राम रही, जबकि चांदी का भाव 1,54,900 रुपये प्रति किलोग्राम है।
40 साल गोल्ड और सिल्वर ने किया शानदार प्रदर्शन
गोयल ने कहा, “यह दोनों कीमती धातुओं में अब तक की सबसे भयंकर रैली है। पिछले 40 साल में केवल दो मौके ऐसे आए हैं, जब गोल्ड और सिल्वर ने शानदार प्रदर्शन किया और डॉलर इंडेक्स कमजोर रहा। दोनों मामलों के बाद भारी गिरावट आई थी।” उनका मानना है कि वर्तमान रैली के प्रमुख मानसिक स्तर रैली के अंतिम चरण का संकेत दे सकते हैं।
संभावित गिरावट और निवेश की तैयारी
गोयल के अनुसार, सोने में 30-35% की गिरावट आ सकती है। अगर यह सच होता है, तो सोने की कीमत लगभग 77,701 रुपये प्रति 10 ग्राम तक गिर सकती है। चांदी की कीमत में गिरावट का खतरा और अधिक है, जो लगभग 50% तक जा सकती है, यानी कीमत 77,450 रुपये प्रति किलोग्राम तक आ सकती है। उन्होंने निवेशकों को सलाह दी कि गिरावट के बाद गोल्ड $2,600-$2,700 के स्तर पर फिर से निवेश करने लायक हो जाएगा। वहीं, सिल्वर के मामले में गोयल ने सतर्क रहने की बात कही, क्योंकि वैश्विक मंदी के चलते सिल्वर की लंबी अवधि की संभावनाएँ कमजोर हो सकती हैं।
वैश्विक मंदी
गोयल ने आगे कहा, “मैं अगले दो-तीन साल में अमेरिका के नेतृत्व में वैश्विक मंदी देख रहा हूँ। ऐसे में फोटोवोल्टाइक, सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रिक व्हीकल जैसी इंडस्ट्रीज की मांग भी पूरी तरह से इस मंदी का असर नहीं दबा पाएंगी।” अमित गोयल का निष्कर्ष है कि गोल्ड और सिल्वर की कीमतें अल्पकालिक रैली दिखा सकती हैं, लेकिन लंबे समय तक यह तेजी टिकाऊ नहीं रहेगी। निवेशकों को बड़े क्रैश के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि इस गिरावट के बाद ही दोनों कीमती धातुएँ फिर से लंबी अवधि के लिए आकर्षक निवेश बनकर उभर सकती हैं।