जयपुर के प्रमुख सरकारी अस्पताल, सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार रात को भयंकर आग लग गई, जिसमें नौ मरीजों की दर्दनाक मौत हो गई। यह आग देर रात करीब 11.20 बजे न्यूरो आईसीयू वार्ड के स्टोर रूम में भड़क उठी, जहां मेडिकल उपकरण, रक्त नमूने और कागजात रखे हुए थे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार आग लगने का मुख्य कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, हालांकि फोरेंसिक टीम इसकी पुष्टि कर रही है।
आईसीयू में 11 मरीज भर्ती
घटना के समय प्रभावित आईसीयू में 11 मरीज भर्ती थे, जबकि पास के अन्य वार्ड में 13 अन्य मरीज थे। आग लगते ही वार्ड में घुटन भरी धुआं भर गया, जिससे प्रवेश असंभव हो गया। फायर अधिकारी ने बताया कि दमकल कर्मियों को अन्य तरफ से खिड़कियां तोड़कर पानी के जोरदार जेट से आग पर काबू पाना पड़ा। आग बुझाने में लगभग डेढ़ घंटे का समय लगा। गंभीर रूप से प्रभावित मरीजों को बेड सहित निकालकर सड़क पर सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की संवेदना व्यक्त
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज़ आई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए मृतकों की आत्मा की शांति की प्रार्थना की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्यलाभ की कामना की। उन्होंने राज्य सरकार से उच्च स्तरीय जांच कराने की अपील की ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त
Congress leader Priyanka Gandhi ने प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और राज्य सरकार से उचित मुआवजा देने एवं घटना की पूरी जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके। राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार की लापरवाही को भी उजागर किया और कहा कि यह घटना स्वास्थ्य व्यवस्था की कमजोरी और प्रशासनिक भ्रष्टाचार का परिणाम है।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी के नेता गोपाल शर्मा ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और पीड़ित परिवारों के लिए न्यायसंगत मुआवजे की मांग की। उन्होंने कहा कि जिनकी लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ, उनके खिलाफ कार्रवाई होना आवश्यक है।
अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल
यह आग अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में फायर सेफ्टी और इमरजेंसी प्रतिक्रिया तंत्र को और मजबूत करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही मरीजों की सुरक्षा और तत्काल आपातकालीन बचाव प्रोटोकॉल पर विशेष ध्यान देने की मांग उठ रही है।
मृतकों के परिजन के लिए मुआवजा
एसएमएस अस्पताल में यह घटना राजस्थान की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता को फिर से उजागर करती है। मृतकों के परिजन अब मुआवजा, न्याय और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से सुरक्षा की गारंटी की उम्मीद कर रहे हैं।