Trump tiktok deal: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करके करीब $14 अरब की TikTok डील को हरी झंडी दे दी। इस समझौते के तहत TikTok का बहुसंख्यक स्वामित्व अमेरिकी कंपनियों के पास जाएगा। ट्रंप ने कहा कि यह पूरी तरह से “यूएस ऑपरेटेड” होगा। उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सराहना करते हुए कहा कि डील को पूरा करने में चीन का सहयोग अहम रहा। हालांकि डील की कानूनी और वित्तीय प्रक्रिया अभी पूरी होनी बाकी है।
कौन-कौन शामिल हैं डील में?
ट्रंप ने निवेशकों के सभी नाम सार्वजनिक नहीं किए, लेकिन उन्होंने पुष्टि की कि Oracle और इसके सह-संस्थापक लैरी एलिसन इस डील में अहम भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा टेक उद्यमी माइकल डेल और मीडिया टाइकून रूपर्ट मर्डोक का नाम भी सामने आया है। उपराष्ट्रपति जेडी वांस ने कहा कि आने वाले हफ्तों में और निवेशकों की जानकारी साझा की जाएगी। ट्रंप ने यह भी कहा कि सभी निवेशक बेहद प्रसिद्ध और आर्थिक रूप से मजबूत हैं।
एल्गोरिद्म पर अमेरिकी नियंत्रण
TikTok डील का सबसे बड़ा पहलू यह है कि अब ऐप का एल्गोरिद्म अमेरिकी नियंत्रण में रहेगा। यह वही सिस्टम है जो तय करता है कि यूजर्स को किस तरह का कंटेंट दिखेगा। पत्रकारों के सवाल पर ट्रंप ने मजाक में कहा कि अगर संभव होता तो वे इसे 100% “MAGA कंटेंट” बना देते, लेकिन उन्होंने भरोसा दिलाया कि हर विचारधारा और नीति को समान रूप से जगह मिलेगी।
फार्मा और मैन्युफैक्चरिंग पर टैरिफ
ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में फार्मा इंडस्ट्री पर 100% टैरिफ लगाया है। उनका कहना है कि यह कदम “अमेरिका फर्स्ट” नीति के तहत उठाया गया है, ताकि दवा निर्माण अमेरिका में ही हो। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और अमेरिका की दूसरे देशों पर निर्भरता कम होगी। साथ ही दवाओं की कीमतों में पारदर्शिता आएगी।
इसके अलावा किचन प्रोडक्ट्स पर भी टैरिफ लगाया गया है, क्योंकि इनका आयात तेजी से बढ़ रहा था। अपहोल्स्टर्ड फर्नीचर पर 30% टैक्स और भारी ट्रकों पर 25% टैक्स लगाया गया है। ट्रंप का कहना है कि इससे अमेरिकी कंपनियां जैसे पीटरबिल्ट, केनवर्थ, फ्रेटलाइनर और मैक ट्रक्स को फायदा मिलेगा, और अमेरिकी ट्रक ड्राइवर आर्थिक रूप से मजबूत होंगे।
अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर असर
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि टैरिफ से अमेरिका में महंगाई बढ़ सकती है और विकास की दर धीमी हो सकती है। हालांकि ट्रंप का कहना है कि व्यापार घाटा घटाने और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए यह कदम जरूरी है। उनका तर्क है कि विदेशी कंपनियों की प्रतिस्पर्धा से अमेरिकी उद्योग प्रभावित हो रहे हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए टैरिफ अनिवार्य है।