नई तकनीक के जरिए अब भविष्य में गंभीर बीमारियों का अनुमान लगाया जा सकेगा। वैज्ञानिकों ने एक जनरेटिव AI टूल विकसित किया है, जो अगले 20 साल में किसी व्यक्ति में कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह और अन्य 1,000 से अधिक बीमारियों का जोखिम पहले से बता सकेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, यह टूल पूर्वानुमान आधारित पैटर्न और व्यक्ति की जीवनशैली—जैसे धूम्रपान, शराब, वजन आदि—का अध्ययन करके स्वास्थ्य जोखिम का आकलन करता है।
दुनिया में कैंसर का बढ़ता संकट
साल 2022 में दुनिया भर में लगभग 2 करोड़ नए कैंसर के मामले सामने आए और 97 लाख मौतें हुईं। सबसे ज्यादा प्रभावित फेफड़े, स्तन और कोलोरेक्टल कैंसर हैं। आंकड़े बताते हैं कि अब युवा, मध्यम आयु वर्ग और बच्चे भी इससे अछूते नहीं हैं। कैंसर अक्सर शुरुआती चरणों में कोई लक्षण नहीं देता, और कई बार तीसरे या चौथे स्टेज में आ जाने के बाद ही पता चलता है। देर से डायग्नोसिस होने पर मरीज की बचने की संभावना केवल 50% रह जाती है।
AI टूल से होगा समय रहते निदान
डेल्फी-2एम (Delphi-2M) नामक AI मॉडल का परीक्षण 4 लाख रोगियों के डेटा पर किया गया, जिसमें शानदार परिणाम देखने को मिले। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में यह तकनीक दुनियाभर में लागू होगी और लोगों को समय रहते स्वास्थ्य सुधार की सलाह दे सकेगी। EMBL (यूरोपियन मॉलिक्यूलर बायोलॉजी लैबोरेटरी) के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर इवान बिर्नी कहते हैं,
“यह मॉडल डॉक्टर की तरह मरीज को बताएगा कि आपके स्वास्थ्य में कौन-कौन से बड़े जोखिम हैं और इन्हें कम करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।”
जीवनशैली बदलने की सलाह
AI मॉडल के जरिए मरीजों को स्वास्थ्य सुधार के लिए भी सुझाव मिलेंगे—जैसे वजन कम करना, धूम्रपान छोड़ना, फास्ट फूड से बचना। इसका उद्देश्य बीमारियों की रोकथाम और अस्पतालों पर दबाव कम करना है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह AI टूल व्यापक रूप से सफल रहा, तो कैंसर और कई अन्य गंभीर रोगों से होने वाली मौतों में कमी लायी जा सकती है।
क्या है भविष्य की उम्मीद?
इस तकनीक से अब डॉक्टर और मरीज पहले से ही समझ सकेंगे कि स्वास्थ्य किस दिशा में जा रहा है। समय रहते कदम उठाने से न केवल जीवन की गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि गंभीर बीमारियों से होने वाली मौतों की संख्या में भी कमी आ सकती है। AI और हेल्थ टेक्नोलॉजी का यह संगम आने वाले वर्षों में स्वास्थ्य सेवाओं का चेहरा पूरी तरह बदल सकता है।