अपराध के आंकड़ों की बात करें तो उत्तर प्रदेश का प्रतापगढ़ हमेशा अपराध में टॉप टेन वाले जिलों में रहा है प्रतापगढ़ में कभी शाम 7:00 बजे के बाद गांव में घर के दरवाजे बंद हो जाते थे लेकिन योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति की वजह से जहां पूरे प्रदेश की तस्वीर बदली है वहीं प्रतापगढ़ की कानून व्यवस्था में भी बड़ा बदलाव आया है पूर्व कप्तान सतपाल अंतिल के द्वारा क्राइम कंट्रोल के प्रयासों को अब वर्तमान पुलिस अधीक्षक डॉ अनिल कुमार आगे बढ़ा रहे हैं यूं तो क्रिकेट खेलने में रुचि रखने वाले पुलिस कप्तान डॉ. अनिल कुमार का बल्ला अपराधियों पर भी चल रहा है। गिरोह बनाकर गंभीर अपराध करने वालों पर कार्रवाई में पूरे प्रदेश में बेल्हा पुलिस प्रदेश में सबसे आगे है। एसपी के प्रयास से जिले की पुलिस ने 1 जुलाई 2024 से अब तक गैंगस्टर के 100 केस दर्ज किया है। बुलंदशहर दूसरे और मुजफ्फरनगर तीसरे स्थान पर है।
कभी जनपद में था अपराधियों के गिरोह का बोलबाला
पिछले कुछ वर्षों में देखा जाए तो प्रतापगढ़ में संगठित अपराध का बोलबाला था जमीनों पर कब्जे हत्या लूट डकैती रंगदारी और अवैध शराब के कारोबार ने जिले में क्राइम रेट को बढ़ा दिया था सपा बसपा सरकार के दौरान प्रतापगढ़ में कई बड़े कांड हुए थे लेकिन इस समय प्रतापगढ़ क्राइम कंट्रोल को लेकर चर्चा में है जिले मे डॉ. अनिल कुमार के एसपी की कुर्सी संभालते ही गैंगस्टर की कार्रवाई को लेकर चर्चाएं तेज हो गई थीं। पूर्व की तैनाती वाले चंदौली जिले में गैंगस्टर की रिकार्ड कार्रवाई से अपराधी परेशान हो उठे थे। जिले में अपराध जारी रहने की दशा में गैंगस्टर की कार्रवाई शुरू हुई तो रुकने का नाम नहीं लिया। एक जुलाई से अब तक जिले में गैंगस्टर की एफआईआर दर्ज करने का शतक लग गया। यह उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक कार्रवाई रही। जबकि 91 केस दर्ज कर बुलंदशहर दूसरे और 86 केस दर्ज कर मुजफ्फरनगर तीसरे स्थान पर है।