चित्र : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण।
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि यदि उत्तराधिकार कर लागू किया गया तो पिछले दस वर्षों में भारत की प्रगति ‘शून्य’ हो जाएगी और देश उस युग में वापस चला जाएगा जब कांग्रेस ने 90% टैक्स लगाया था।
बीजेपी की वरिष्ठ नेता ने कहा कि विरासत टैक्स सीधे तौर पर मिडिल क्लास फैमिली और महत्वाकांक्षी वर्ग को प्रभावित करता है क्योंकि उनकी मेहनत की कमाई छोटी बचत में बचती है जिससे वे घर खरीदते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर ऐसे धन सृजनकर्ताओं को केवल इसलिए दंडित किया जाएगा क्योंकि उन्होंने कुछ पैसा छिपा रखा है, तो भारत इस दौर से 10 साल पीछे चला जाएगा। बीजेपी नेता ने कहा कि कांग्रेस ‘समाजवादी मॉडल’ से सहज है और आरोप लगाया कि देश में इस सबसे पुरानी पार्टी के शासन के दौरान भारतीयों को अपनी कमाई का 90 प्रतिशत कर के रूप में देना पड़ता था।
साल 1968 में एक अनिवार्य जमा योजना थी, जिसमें लोगों की जमाराशि 18% या 20% थी। कुछ राशि छीन ली गई थी। उस समय कोई औचित्य नहीं बताया गया था।
तो वहीं, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने एक टीवी बहस के दौरान कहा, ‘यदि किसी के पास 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह अपने बच्चों को केवल 45 प्रतिशत ही हस्तांतरित कर सकता है, 55 प्रतिशत सरकार हड़प लेती है।’ इस पर बहस शुरू हो गई और बीजेपी ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया।
उन्होंने कहा कि यह एक दिलचस्प कानून है। इसमें कहा गया है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति अर्जित की है और अब आप इसे छोड़ रहे हैं, तो आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगता है। हालांकि, कांग्रेस ने इस विवादित टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया है।